रिपोर्ट के अनुसार, Reliance Industries भारत की सबसे मूल्यवान प्राइवेट कंपनी बन गई है, Adani Group की वैल्यू घटकर आधी रह गई।

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रिपोर्ट के अनुसार, मुकेश अंबानी के अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries Ltd) ने हुरुन इंडिया की सूची में देश की सबसे मूल्यवान प्राइवेट कंपनी का दर्जा प्राप्त किया है। रिलायंस की वैल्यूएशन 16.4 लाख करोड़ रुपये के करीब है, जिससे वह सबसे ऊपर रही है। दूसरे स्थान पर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) है जिसकी मूल्यांकन 11.8 लाख करोड़ रुपये के करीब है। अडाणी समूह की कंपनियों का मूल्यांकन बीते छह महीनों में आधे से भी कम हो गया है। इसके कारण अडाणी समूह के निवेशकों की संपत्ति में 50% से अधिक कमी हुई है। वित्तीय रिपोर्ट में बताया गया है कि नवंबर, 2022 से अप्रैल, 2023 तक अडाणी टोटल गैस की मूल्यांकन में 73.8% की गिरावट आई है, अडाणी ट्रांसमिशन में 69.2% और अडाणी ग्रीन एनर्जी में 54.7% की भारी गिरावट दर्ज की गई है। इसके अलावा, शीर्ष 500 गैर-सरकारी कंपनियों के मूल्यांकन में 6% की गिरावट हुई है । यह सभी तथ्य नवंबर, 2022 से अप्रैल, 2023 की अवधि के लिए हैं।

अडाणी समूह के नुकसान के बारे में भी रिपोर्ट में बताया गया है। अडाणी समूह की 8 कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण 9.5 लाख करोड़ रुपये के करीब है, जो शीर्ष 500 कंपनियों के कुल मूल्यांकन का लगभग 4.5% है। इस अवधि में, अडाणी समूह की कंपनियों का मूल्यांकन 10.25 लाख करोड़ रुपये के करीब था, जिससे 52% की गिरावट हुई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अडाणी एंटरप्राइजेज और अडाणी टोटल गैस, दोनों ही समूह की शीर्ष 10 कंपनियों की सूची से बाहर हो गई हैं।

हालांकि, इस रिपोर्ट की तैयारी के दौरान जनवरी में हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक प्रतिकूल रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें अडाणी समूह के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। हालांकि, समूह ने शेयरों के भाव में हेराफेरी और वित्तीय गड़बड़ियों के आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया था।

अडाणी समूह के नुकसान के साथ-साथ, रिपोर्ट ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को भारतीय शेयर बाजार की सबसे मूल्यवान कंपनी घोषित किया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज का मूल्यांकन 16.3 लाख करोड़ रुपये के करीब है, जिसके बावजूद उसे अपेक्षित नुकसान का सामना करना पड़ा है। दूसरे स्थान पर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) है, जिसका मूल्यांकन 11.8 लाख करोड़ रुपये के करीब है। तीसरे स्थान पर एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) है, जिसका मूल्यांकन 9.4 लाख करोड़ रुपये के करीब है। शीर्ष 500 कंपनियों के मूल्यांकन में सिर्फ छह प्रतिशत की गिरावट हुई है।

यह रिपोर्ट साबित करती है कि अडाणी समूह और रिलायंस इंडस्ट्रीज भारतीय वाणिज्यिक सेक्टर में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। यहां तक कि यह रिपोर्ट विभिन्न निवेशकों को यह भी दिखाती है कि शेयर बाजार में निवेश करने से पहले कंपनियों की संपत्ति का मूल्यांकन करना कितना महत्वपूर्ण हो सकता है।

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