उन्होंने आरोप लगाया कि ईंधन की बढ़ती कीमतों का ठीकरा राज्य पर फोड़ दिया जाता है, जबकि सभी ईंधन करों का 65% से अधिक केंद्र द्वारा लिया जाता है.

नई दिल्ली : हाल के दिनों में पेट्रोल-डीजल और सीएनजी की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली है. इसको लेकर विपक्षी दल लगातार केंद्र सरकार को घेरते रहे हैं. इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र पर एक बार फिर निशाना साधा है. उन्होंने तंज कसा है कि ईंधन की बढ़ती कीमतों का ठीकरा राज्य पर फोड़ दिया जाता है, जबकि सभी ईंधन करों का 68% केंद्र द्वारा लिया जाता है. वहीं केंद्र सरकार विपक्ष के शासन वाले राज्यों पर यह आरोप लगाती रही है कि ये राज्य अपने यहां पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले को वैट नहीं घटा रहे हैं.

राहुल गांधी ने ट्वीट किया है कि उच्च ईंधन की कीमतें – राज्य का दोष, कोयले की कमी – राज्य का दोष, ऑक्सीजन की कमी – राज्य का दोष. सभी ईंधन करों का 68% केंद्र द्वारा लिया जाता है. फिर भी, पीएम जिम्मेदारी से बचते हैं. मोदी का संघवाद सहयोगी नहीं है.

बता दें कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मुख्यमंत्रियों की बैठक में विपक्ष के शासन वाले राज्यों से अपील की कि वे पेट्रोल-डीजल पर वैट घटाएं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले साल एक्साइज में कटौती की थी. इसके बाद बीजेपी के शासन वाले राज्यों ने वैट घटा कर जनता को राहत दी थी. लेकिन ऐसा विपक्ष के शासन वाले राज्यों में नहीं किया गया. पीएम मोदी ने आज अपने संबोधन में विपक्ष के शासन वाले राज्यों में पेट्रोल की बढ़ी कीमतों की तुलना उनके पड़ोस वाले बीजेपी तथा एनडीए के शासन वाले राज्यों से की और बताया कि किस तरह वैट कम न करने के कारण इन राज्यों में पड़ोसी राज्यों की में पेट्रोल-डीजल महंगा है.

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