गीतांजलि मिश्रा: जरूरतमंदों की मदद के लिए अपनी 10 सालों की बचत दान करने वाली अभिनेत्री

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एक ऐसी दुनिया में जहाँ व्यक्तिगत इच्छाओं और महत्वाकांक्षाओं को सबसे ज़्यादा महत्व दिया जाता है, गीतांजलि मिश्रा ने एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है। एण्डटीवी के लोकप्रिय धारावाहिक “हप्पू की उलटन पलटन” में राजेश का किरदार निभाने वाली गीतांजलि ने अपनी 10 सालों की बचत जरूरतमंदों की मदद के लिए दान कर दी है। साधारण पृष्ठभूमि से आने वाली गीतांजलि ने न सिर्फ एक अभिनेत्री के रूप में सफलता हासिल की है, बल्कि अपनी समृद्धि का इस्तेमाल एक महान उद्देश्य के लिए करने का विकल्प भी चुना है।

सामाजिक उत्तरदायित्व के प्रति अपनी वचनबद्धता के बारे में गीतांजलि मिश्रा ने कहा:

“मेरा मानना है कि समाज की भलाई के लिए किए जाने वाले काम में एक खूबसूरती होती है। समाज के प्रति जिम्मेदार होना मुझे यह सोचने के लिए प्रेरित करता है कि मैं व्यक्तिगत तौर पर क्या हासिल कर सकती हूं और मेरे किन कार्यों से समुदाय में एक सकारात्मक बदलाव आ सकता है।”

गीतांजलि ने आगे बताया:

“कोविड संकट जब अपने चरम पर था, उस समय मेरी कामवाली मेरे पास आई और उसने मुझे बताया कि उसके लिए दो वक्त की रोटी जुटाना भी काफी मुश्किल हो रहा है। तभी मैंने उसकी मदद करने का फैसला किया और उसे अगले कुछ महीनों का राशन उपलब्ध करवाया। उसके जरिये ही मुझे पता चला कि उसके समुदाय में ऐसे कई परिवार हैं, जिन्हें दैनिक जरूरत के सामान जुटाने में दिक्कतें आ रही थीं। यह सब जानने के बाद मैंने उन सभी को संपूर्ण राशन किट देकर उनकी मदद करने का फैसला किया।”

गीतांजलि ने दान की गई राशन किट में शामिल चीजों के बारे में भी बताया:

“इस राशन किट में चावल, दाल, चीनी, नमक और बिस्कुट के अलावा साबुन, सैनिटाइजर्स, मास्क वगैरह जैसे हाइजीन आइटम भी शामिल थे। मैंने यह भी सुनिश्चित किया कि सुरक्षा के सभी नियमों का पालन हो और इस काम में शामिल लोगों की सेहत सुरक्षित रह सके।”

गीतांजलि ने दान करने के पीछे अपनी प्रेरणा के बारे में कहा:

“मेरा ध्यान वित्तीय सहायता प्रदान करने के बजाय, लोगों की आवश्यक जरूरतों को पूरा करने पर था। मैंने विभिन्न राज्यों में राशन किट पहुंचाने में सहयोग करने के लिए विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग किया और लगभग 25 लाख रुपये निवेश किए। यह मेरी तकरीबन 10 सालों में कड़ी मेहनत से कमाई गई आमदनी की बचत थी।”

गीतांजलि ने आगे कहा:

“इस परोपकारी यात्रा के दौरान, मैंने हमेशा एक ही बात को याद रखा कि ‘जमीन पर रहकर कमाया है, आज लोगों की जरूरत है, पैसे वापस जमा कर लेंगे और ऊपरवाले के सीसीटीवी में सब कैप्चर होता है।’ इस भावना ने मेरे नजरिये का मार्गदर्शन किया, क्योंकि मैंने अपने संसाधनों को केवल वित्तीय सहायता की पेशकश करने के बजाय तत्काल जरूरतों को पूरा करने की दिशा में लगाया।”

गीतांजलि मिश्रा निश्चित रूप से एक प्रेरणा हैं। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि सफलता का अर्थ केवल धन और 명예 में नहीं होता, बल्कि दूसरों की मदद करने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में भी होता है।

हमें गीतांजलि मिश्रा की तरह दूसरों की मदद करने के लिए आगे आना चाहिए और एक बेहतर समाज का निर्माण करना चाहिए।

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