कई कंपनियां कर चुकी हैं रिकॉल
किया की कैरेंस से पहले भी कई वाहन निर्माताओं ने अपनी कारों को रिकॉल किया है। इनमें ऑडी, पोर्श, मर्सिडीज से लेकर मारुति, हुंडई, होंडा, महिंद्रा जैसी कंपनियां शामिल हैं। महिंद्रा ने कुछ समय पहले थार, एक्सयूवी 700, एक्सयूवी 300 को रिकॉल किया था। उसके पहले मारुति ने डिजायर टूर एस को रिकॉल किया था। इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली अमेरिकी कंपनी टेस्ला ने भी तीन मॉडल्स की एक हजार कारों को वापिस बुलाया था।
Kia Recall: कैरेंस को कंपनी ने वापस बुलाया, पहले भी कई कंपनियां कर चुकी हैं अपनी कारें रिकॉल
कई कंपनियां कर चुकी हैं रिकॉल
क्यों होता है रिकॉल
जब भी किसी कंपनी को अपनी किसी कार में खामी की जानकारी मिलती है। तब कंपनी उसे ठीक करने के लिए कार को रिकॉल करती हैं। इसके लिए कंपनी ग्राहकों से संपर्क करती हैं। साथ में अपने डीलर्स को भी इसकी जानकारी देती हैं।
क्या सामान्य है रिकॉल
दुनियाभर में ऑटोमोबाइल कंपनियां समय-समय पर अपने वाहनों को रिकॉल करती हैं। कंपनी के रिकॉल करने पर ग्राहक अपने वाहन को नजदीकी सर्विस सेंटर पर ले जाता है। उसके बाद खामी को दूर कर दिया जाता है। इसके लिए ग्राहक को किसी भी तरह का कोई चार्ज या पैसे नहीं देने होते। ऐसा होने पर कंपनी फ्री में पार्ट को बदलती है।
कैरेंस में क्या आई परेशानी
कंपनी की सात सीटर एमपीवी में सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के कारण अपडेट के लिए स्वैच्छिक रिकॉल अभियान की शुरूआत की जा रही है। कैरेंस के एयरबैग कंट्रोल मॉड्यूल सॉफ्टवेयर में किसी भी संभावित कमी को देखने के लिए किया इंडिया की ओर से ये रिकॉल किया जा रहा है। कंपनी इस दौरान करीब 44 हजार से ज्यादा वाहन वापिस बुलाएगी।
कैसे ठीक होगी गड़बड़ी
कैरेंस के लिए कंपनी खुद ही ग्राहकों से संपर्क करेगी। इसके बाद प्रभावित वाहन मालिकों को इसकी जानकारी दी जाएगी। जानकारी देने के बाद अपॉइंटमेंट तय करने के लिए वाहन मालिकों को अधिकृत डीलर से संपर्क करना होगा। जिसके बाद वाहन को डीलरशिप के सर्विस सेंटर पर जाकर खामी को दूर करवाना होगा।