दिल्ली में आयोजित 5वीं भारत-यूके गृह मामलों की बैठक में भारत ने विशेष रूप से खालिस्तानी समर्थकों द्वारा ब्रिटेन के शरण दिए जाने पर चिंता जाहिर की है.
खालिस्तान समर्थकों ने पिछले महीने लंदन में भारतीय दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन किया था.
नई दिल्ली: यूनाइटेड किंगडम (UK) में खालिस्तानी गतिविधियों को बढ़ावा देने और दूतावास के सामने हुए प्रदर्शन को लेकर भारत ने ब्रिटेन सरकार के सामने अपनी चिंता जाहिर की है. केंद्र सरकार ने ब्रिटेन सरकार से कहा है कि बेहतर संबंध रखने के लिए ऐसे मामलों पर एक्शन लेना चाहिए. भारत ने यूके के साथ बेहतर सहयोग और यूके स्थित खालिस्तान समर्थक (Pro-Khalistan Supporters) चरमपंथियों की निगरानी बढ़ाने और उचित सक्रिय कार्रवाई करने का भी अनुरोध किया है.
बुधवार को दिल्ली में आयोजित 5वीं भारत-यूके गृह मामलों की बैठक हुई. गृह सचिव अजय कुमार भल्ला (Home Secretary Ajay Kumar Bhalla) ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व किया. जबकि ब्रिटिश पक्ष से गृह कार्यालय के स्थायी सचिव सर मैथ्यू रीक्रॉफ्ट बोल रहे थे. अजय कुमार भल्ला ने ब्रिटेन के स्थायी सचिव के सामने लंदन में उच्चायोग की सुरक्षा में चूक का मुद्दा उठाया. इसके साथ ही उन्होंने यूके में आतंकवाद, साइबर सिक्योरिटी, ग्लोबल सप्लाई चेन, ड्रग ट्रैफिकिंग, प्रत्यर्पण और भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने वालों पर कार्रवाई पर भी बात की.
यूके ने दिया भरोसा
भारत ने विशेष रूप से खालिस्तानी समर्थकों द्वारा ब्रिटेन के शरण दिए जाने पर चिंता जाहिर की है. इस दौरान ब्रिटेन के अफसर ने दोनों देशों के संबंधों को मजबूत बनाने के लिए हर संभव कार्रवाई का भरोसा दिया है.
गृह मंत्रालय ने जारी किया बयान
गृह मंत्रालय के एक बयान में कहा गया, “भारतीय पक्ष ने विशेष रूप से खालिस्तान समर्थक तत्वों द्वारा भारत में आतंकवादी गतिविधियों को सहायता और बढ़ावा देने के लिए यूके की शरण पॉलिसी (Asylum Policy) के दुरुपयोग पर अपनी चिंताओं से अवगत कराया. इसके साथ ही यूके के साथ बेहतर सहयोग और यूके आधारित खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों की निगरानी बढ़ाने और उचित सक्रिय कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है.”
बैठक का समापन दोनों देशों द्वारा द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने और दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त करने के साथ हुआ.
मार्च में ब्रिटेन के उप उच्चायुक्त को किया था तलब
विदेश मंत्रालय (MEA) ने पिछले महीने खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों द्वारा लंदन में उच्चायोग में भारतीय ध्वज उतारने के बाद ब्रिटेन के उप उच्चायुक्त को तलब किया था. खालिस्तान समर्थक समूह सिख कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह पर पंजाब पुलिस की कार्रवाई का विरोध कर रहे थे.