डायरेक्टर गौरी शिंदे की 2016 की फिल्म “डियर जिंदगी” एक ऐसी फिल्म है जिसने मानसिक स्वास्थ्य के महत्व और प्रासंगिकता पर ध्यान केंद्रित किया है। यह फिल्म एक युवा और सफल सिनेमैटोग्राफर, कायरा (आलिया भट्ट) के जीवन का अनुसरण करती है, जो अपने भावनात्मक संघर्षों से जूझ रही है। वह एक दयालु चिकित्सक, डॉ. जहांगीर खान (शाहरुख खान) की मदद से खुद को फिर से खोजने की कोशिश करती है।

फिल्म में शाहरुख खान के प्रदर्शन को विशेष रूप से प्रशंसित किया गया था। उन्होंने एक दयालु, समझदार और सहायक चिकित्सक के रूप में एक शक्तिशाली प्रदर्शन दिया। उनकी भूमिका ने दर्शकों के दिलों को जीत लिया और उन्हें “डियर जिंदगी” की सफलता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है।

हाल ही में, एक साक्षात्कार में, गौरी शिंदे ने शाहरुख खान के प्रदर्शन के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि शाहरुख खान ने फिल्म के लिए बहुत मेहनत की थी। उन्होंने डॉ. जहांगीर खान के किरदार के बारे में बहुत शोध किया और उन्होंने मनोचिकित्सकों से भी बात की।

शिंदे ने कहा, “शाहरुख खान ने जहांगीर खान का किरदार निभाने के लिए बहुत मेहनत की थी। उन्होंने डॉ. जहांगीर खान के बारे में बहुत शोध किया और उन्होंने मनोचिकित्सकों से भी बात की। उन्होंने जहांगीर खान के किरदार को बहुत गहराई से समझने की कोशिश की।”

शिंदे ने आगे कहा कि शाहरुख खान ने जहांगीर खान के किरदार को इतना प्रामाणिक और सहानुभूतिपूर्ण तरीके से निभाया कि दर्शकों ने उन्हें तुरंत अपना लिया।

शिंदे ने कहा, “शाहरुख खान ने जहांगीर खान के किरदार को इतना प्रामाणिक और सहानुभूतिपूर्ण तरीके से निभाया कि दर्शकों ने उन्हें तुरंत अपना लिया। उन्होंने जहांगीर खान के रूप में एक दयालु, समझदार और सहायक चिकित्सक की छवि बनाई। उन्होंने दर्शकों को यह दिखाया कि मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से जूझ रहे लोगों की मदद कैसे की जा सकती है।”

शिंदे की बातों से स्पष्ट है कि शाहरुख खान के प्रदर्शन ने “डियर जिंदगी” की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनके प्रदर्शन ने दर्शकों के दिलों को जीत लिया और उन्होंने फिल्म को एक महत्वपूर्ण सामाजिक संदेश देने में मदद की।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *