shikha sharma artist

डॉक्टर बनने वाली थीं शिखा, अब बनीं रंगोली क्वीन, जानें उनकी अनोखी जर्नी!

इंदौर की शिखा शर्मा, एक साधारण परिवार की लड़की, जो कभी डॉक्टर बनने का सपना देख रही थी, आज कला की दुनिया का बड़ा नाम बन चुकी हैं। वो लड़की जिसने MBBS की पढ़ाई छोड़कर रंगोली और पेंटिंग को अपना करियर बनाया, उसकी कहानी हर किसी के लिए प्रेरणा है।

MBBS से कला तक का सफर

शिखा शर्मा का जन्म 1996 में इंदौर के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। उनके पिता लोकेश शर्मा का साड़ी का बिजनेस है। बचपन से ही शिखा को पेंटिंग और रंगोली का शौक था, लेकिन परिवार और समाज के दबाव में उन्होंने मेडिकल फील्ड को चुना। वो MBBS की पढ़ाई कर रही थीं, लेकिन उनका दिल हमेशा कला की तरफ खिंचता था।

शिखा बताती हैं, “मैं डॉक्टर तो बन रही थी, लेकिन मेरा मन हमेशा रंग और ब्रश में उलझा रहता था।”

वो दिन जिसने बदल दी जिंदगी

2014 में, क्रिसमस के मौके पर शिखा ने अपने दोस्तों के साथ एक रंगोली बनाई। ये रंगोली ऐसी थी कि जिसने शिखा के अंदर छुपे कलाकार को फिर से जगा दिया। इसके बाद उन्होंने तय कर लिया कि वो अपनी जिंदगी कला के लिए समर्पित करेंगी। कुछ ही समय बाद, उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई छोड़ दी और पूरी तरह से पेंटिंग और रंगोली पर फोकस किया।

दुनिया की सबसे बड़ी रंगोली

शिखा ने अपनी कला से ना सिर्फ भारत, बल्कि दुनिया में भी नाम कमाया। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है 84,000 वर्ग फीट में फैली दुनिया की सबसे बड़ी रंगोली, जिसे उन्होंने नीमच में बनाया। इस रंगोली में उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों, देवी-देवताओं और ऐतिहासिक हस्तियों की तस्वीरें बनाई थीं। इसे देखने के लिए हजारों लोग आए और शिखा का नाम रिकॉर्ड बुक में दर्ज हो गया।

सोशल मीडिया पर छाईं शिखा

शिखा ने अपनी कला को सोशल मीडिया पर शेयर करना शुरू किया। आज उनके यूट्यूब चैनल पर 14 मिलियन सब्सक्राइबर्स हैं और इंस्टाग्राम पर 1.7 मिलियन फॉलोअर्स। उनकी वीडियो और पेंटिंग दुनियाभर में वायरल होती हैं।

शिखा आर्ट इंस्टीट्यूट की शुरुआत

अपने पति शान जोशी के साथ मिलकर शिखा ने “शिखा आर्ट इंस्टीट्यूट” की शुरुआत की, जहां देशभर के बच्चे और युवा कला की बारीकियां सीखते हैं। ये इंस्टीट्यूट अब तक 70,000 से ज्यादा छात्रों को ट्रेनिंग दे चुका है।

कला के लिए क्यों छोड़ी पढ़ाई?

जब शिखा से पूछा गया कि उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई क्यों छोड़ी, तो वो कहती हैं, “डॉक्टर बनकर मैं समाज की सेवा कर सकती थी, लेकिन कला के जरिए मैं दिलों को जोड़ सकती हूं।”

भविष्य की योजना

शिखा का सपना है कि भारतीय कला को दुनिया के हर कोने तक पहुंचाया जाए। वो भारतीय परंपराओं और संस्कृति को अपनी पेंटिंग और रंगोली के जरिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाना चाहती हैं।

सीखने लायक है शिखा की कहानी

शिखा शर्मा की कहानी बताती है कि अगर आप अपने सपनों का पीछा करने का साहस रखते हैं, तो कोई भी बाधा आपकी सफलता के रास्ते में नहीं आ सकती। उन्होंने ना सिर्फ खुद को, बल्कि हजारों युवाओं को प्रेरणा दी है।

तो, अगर आपके अंदर भी कोई सपना छिपा है, तो उसे जगाइए। शिखा की कहानी याद रखिए और अपने दिल की सुनिए। कौन जानता है, अगला बड़ा इतिहास आप ही रच दें!

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